Albert Einstein inspirational Story – अल्बर्ट आइंस्टाइन की प्रेरणादायक कहानी

अल्बर्ट आइंस्टाइन (Albert Einstein) महान वैज्ञानिक इनका नाम तो आपने जरूर सुना होगा. इन्हें मॉडर्न भौतिकी का जन्मदाता भी कहा जाता है. इनका जीवन कई सारे लोगों को प्रेरणा देती है. आज के हमारे इस लेख में हम अल्बर्ट आइंस्टाइन के प्रेरणादायक जीवन के बारे में जानने वाले हैं.

Albert Einstein

अल्बर्ट आइंस्टाइन महान वैज्ञानिक थे. उनकी खोज सारे विश्व में काफी प्रसिद्ध हुई थी. जो लोग विज्ञान में रुचि रखते हैं वह उनके सामने कई प्रश्न लेकर के जाते थे. अल्बर्ट आइंस्टाइन उनके सभी प्रश्नों का उत्तर सरल भाषा में देकर उन्हें संतुष्ट कर देते थे.

ऐसी घटना है जब एक छात्र अल्बर्ट आइंस्टाइन से एक सवाल पूछा – ” मुझे सापेक्षता का सिद्धांत समझ में नहीं आया? “

तब तीसरा मित्र बोला- ” मुझे सापेक्षता का, का खा गा भी नहीं पता है? वे सभी मिलकर के अपने विज्ञान के शिक्षक के पास गया, शिक्षकों ने बहुत समझाने की कोशिश की, मगर फिर भी उन्हें कुछ भी समझ में नहीं आया.

वह सभी मिलकर के आइंस्टाइन के पास चले गए. आइंस्टाइन उनका प्रश्न सुनकर के मुस्कुराए और बोले – सापेक्षता का सिद्धांत का अर्थ काफी सरल है मैं तुम्हें इसकी सरल व्याख्या करके बताता हूं. छात्र बोले हां सर बताइए .

आइंस्टाइन बोले –

" जब आप किसी अत्यंत प्रिय व्यक्ति के पास घंटों बैठे रहते हैं, तो आपको लगेगा अभी तो कुछ मिनट ही हुआ है, इसके विपरीत किसी अप्रिय व्यक्ति के साथ 5 मिनट भी 1 घंटे के बराबर जैसा लगेगा. बस यही सापेक्षता का सिद्धांत है"

यह सुनकर के तीनों छात्र आइंस्टाइन से बोल उठे की ” सर” आपने इस उच्चस्तरीय सिद्धांत को वास्तविक में कितनी आसानी से समझा दिया. इसलिए आप इतने महान और दूसरों से भिन्न है.

Albert Einstein के महान प्रेरणादायक अनमोल विचार

अल्बर्ट आइंस्टाइन विश्व के महान वैज्ञानिकों में गिने जाने वाले भौतिक शास्त्री है. इन्होंने विश्व की साधारण रिलेटिविटी, विज्ञान के दर्शन शास्त्र और द्रव्यमान – ऊर्जा के समीकरण सूत्र E=mc2 के बारे में खोज कर के विज्ञान को एक नया आयाम दिया है.

अल्बर्ट आइंस्टाइन अपने जीवन में ऐसे अविष्कार किए हैं जिन्हें अपनाकर विश्व में बहुत की विज्ञान में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है. आज इस महान वैज्ञानिक के प्रेरणादायक अनमोल विचार के बारे में हम यहां जानेंगे.

अल्बर्ट आइंस्टाइन के प्रेरणादायक अनमोल विचार – Albert Einstein Quotes in Hindi

  1. अल्बर्ट आइंस्टाइन का कहना था कि ” पढ़ाई चीजों को जानना नहीं बल्कि दिमाग को सोचने की ट्रेनिंग देना है’
  2. ” जीवन जीने के दो मायने हैं. एक मायने है कि कुछ भी चमत्कार नहीं है, और दूसरा कि सब कुछ चमत्कार है”
  3. तुम अपनी परेशानियों का समाधान उस सोच से नहीं निकल सकते जिस सोच से उन परेशानियों को बनाया गया है.
  4. अहंकार ज्ञान का उल्टा मार्ग है, जितना ज्ञान होगा उतना कम अहंकार होगा.
  5. एक इंसान जिसने कोई गलती नहीं की उसने कभी कुछ नया सीखने का प्रयास ही नहीं किया.
  6. आप तब तक नहीं हार सकते, जब तक आप प्रयास करना नहीं छोड़ देते.
  7. अगर तुम एक खुद जीवन जीना चाहते हो तो अपने आप को अपने उद्देश्य बांध लो.
  8. जिसको आप देख सकते हो, उसे कभी कंठस्थ मत करो.
  9. प्रत्येक इंसान अपने आप में जीनियस होता है, लेकिन यदि आप किसी मछली को उसकी पेड़ पर चढ़ने की योग्यता से जज करेंगे तो वह अपनी पूरी जिंदगी यही सोच कर जिएगा कि वह मूर्ख है.
  10. जो छोटी-छोटी बातों में सच को गंभीरता से नहीं लेता है, उस पर बड़े मामलों में भी भरोसा नहीं किया जा सकता.
  11. मुझ में कोई प्रतिभा नहीं है बस में जिज्ञासा हूं.
  12. एक काम को एक ही तरीके से करते हुए अलग-अलग परिणाम की उम्मीद करना बेवकूफी है.
  13. मैं सबसे सम्मानित रहा बात करता हूं चाहे वह कचरे वाला हो या किसी यूनिवर्सिटी का अधीक्षक.
  14. कल से सीखो आज से जियो, और कल के लिए आशा रखो, बस प्रश्न करते रहो यही जीवन है.
  15. प्यार खुशियां लाता है ऐसा ही किसी को कष्ट देना दुख का कारण बनता है.
  16. जीवन एक साइकिल चलाने की तरह है. अपना संतुलन बनाए रखने के लिए आपको आगे बढ़ता रहना होगा.
  17. ज्ञान का एक ही तरीका है वह है अनुभव.
  18. एक मेज, एक कुर्सी, एक कटोरा फल और एक वायलिन. खुश रहने के लिए और क्या चाहिए.
  19. शांति जोर डालकर प्राप्त की जा सकती है, श्री समझकर प्राप्त की जा सकती है.
  20. प्रकृति को ध्यान से देखो तब तुम हर चीज को अच्छे से समझ पाओगे.
  21. भगवान के सामने हम सम्मान रूप से होशियार हैं और उस समान रूप से मूर्ख.
  22. परेशानी के मर्द ही अवसर छुपा होता है.
  23. मैं कुछ खास प्रतिभाशाली नहीं हूं, मैं केवल प्रबल जिज्ञासु हूं.
  24. दो चीजें अंत है ब्राह्मण और मनुष्य की मूर्खता; और मैं ब्रह्मांड के बारे में दृढ़ता से नहीं कह सकता.
  25. एक सफल आदमी बनने की बजाय एक आदर्शवादी आदमी बन करके दिखाओ.
  26. मैं यह नहीं जानता कि तीसरा विश्व युद्ध कौन से हथियार से लड़ा जाएगा, किंतु चौथा विश्वयुद्ध लाठी और पत्थर से लड़ा जाएगा.
  27. तर्क आपको एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाएगा, किंतु कल्पना आपको कहीं भी ले जा सकती है.
  28. बुद्धि का सही संकेत विज्ञान नहीं बल्कि कल्पनाशीलता होती है.
  29. जब तक आप कोशिश करना बंद नहीं करते हैं, तब तक आप असफल नहीं होते.
  30. जब आप एक अच्छे लड़की के साथ बैठे हो तो एक घंटा 1 सेकंड के समान लगता है, जब आप धड़कते अंगारे पर बैठे हो तो 1 सेकंड 1 घंटे के समान लगता है. यही सापेक्षता का सिद्धांत है.
  31. आदमी औरत से यह सोच कर शादी करता है कि वह कभी बदलेगी नहीं. औरत आदमी से यह सोच कर के शादी करती है कि वह बदल जाएगा. अर्थात दोनों में ही निराशा है.
  32. अपने सर्वोत्तम क्षमताओं के अनुसार राजनीतिक मामलों में दोष सिद्ध हर नागरिक का कर्तव्य है.
  33. संयोग भगवान का बचा हुआ गोपनीय रास्ता है.
  34. क्रोध अमृता को छाती में ही बस आता है.
  35. यह दुनिया बड़ी ही भयानक है, उन लोगों के कारण नहीं जो बुरा करते हैं बल्कि उन लोगों के कारण जो बुरा होते हुए देखते हैं और बुरा होने देते हैं.

Interesting Fact Albert Einstein – अल्बर्ट आइंस्टाइन से जुड़े रोचक एवं महत्वपूर्ण तथ्य

अल्बर्ट आइंस्टाइन को साल 1922 में नोबेल प्राइज से नवाजा गया था. अल्बर्ट आइंस्टाइन ने लगभग 300 से भी अधिक वैज्ञानिक शोध पत्रों का प्रकाशन किया था. अल्बर्ट ने कई क्षेत्रों में अपना योगदान दिया है – जैसे सापेक्षता और ब्रह्मांड, कोशिकाओं की गति, एक अनु वाले गैसों का सिद्धांत तथा भौतिक का जो मिटी करण सिद्धांत सहित 50 से भी अधिक शोध पत्रों और विज्ञान के ऊपर कई महत्वपूर्ण आविष्कार किए हैं.

उनके द्वारा किए गए महान प्रयोग को देखते हुए साल 1999 में टाइम्स पत्रिका ने उन्हें शताब्दी पूर्व घोषित किया था. आपको जानकर हैरानी होगी की इन महान विज्ञानिक की याददाश्त बहुत निम्न श्रेणी की थी. अल्बर्ट आइंस्टाइन अक्सर अपने घर का पता भूल जाया करते थे तथा इन्हें फोन नंबर भी याद नहीं रहते थे. यहां तक कि अल्बर्ट अपना खुद का नंबर भी याद नहीं रख पाते थे

इनका मानना था जो चीज़ लिखी जा सकती है उसे याद क्यों रखा जाए. अल्बर्ट अक्सर अपने मित्रों के फोन नंबर तथा उनके घर के पते अपनी पर्सनल डायरी में लिख लेते थे. इन्होंने अपना पर्सनल नंबर भी डायरी में लिख कर के रखा था. जब भी कोई व्यक्ति अल्बर्ट से उनका पर्सनल नंबर जानना चाहता तो अल्बर्ट अक्सर अपनी डायरी में ढूंढ कर अपना फोन नंबर दिया करते थे.

अल्बर्ट आइंस्टाइन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

  1. अल्बर्ट आइंस्टाइन का जन्म जर्मनी में वेटमबर्ग के एक यहूदी परिवार में हुआ था. उनके पिता एक इंजीनियर और सेल्समेन थे. उनकी माता का नाम पॉलिना आइंस्टाइन था. हालांकि आज टाइम को शुरू शुरू में बोलने में कठिनाई होती थी. लेकिन वह पढ़ाई लिखाई में अव्वल थे. उनकी मातृभाषा जर्मन थी और बाद में उन्होंने इतालवी और अंग्रेजी भी सीख ली.
  2. जब आइंस्टाइन का जन्म हुआ तब इनका सिर बहुत बड़ा था तथा उन्होंने 4 साल की उम्र तक बोलना भी शुरू नहीं किया था. लेकिन एक दिन जब 4 साल के इंसान अपने माता-पिता के साथ रात के खाने पर बैठे थे तो उन्होंने अपनी 4 साल की चुप्पी तोड़ते हुए कहा “ सूप बहुत गर्म हैहै’.
  3. अल्बर्ट आइंस्टाइन कॉलेज के दिनों में एक गणित व विज्ञान को छोड़कर केसे सभी विषयों में फेल हो जाया करते थे.
  4. अल्बर्ट आइंस्टाइन को सर्वप्रथम विज्ञान में रुचि 5 साल की उम्र में हुई जब उनके पिता ने उन्हें कम पसला करके दिया और अल्बर्ट कंपस के रहस्य को सुलझाने का कोशिश करने लगे.
  5. अल्बर्ट को एक बार उनकी विचित्र व्यवहार के कारण स्कूल से निकाल दिया गया था.
  6. अल्बर्ट आइंस्टाइन स्कूल के दिनों में पढ़ाई में काफी कमजोर थे. एक बार उनके शिक्षक ने उन्हें ‘Lazy Dog’ तक कह डाला था.
  7. अल्बर्ट आइंस्टाइन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें मौजे पहनना पसंद नहीं है. जब इंटरव्यूअर ने इसका कारण जानना चाहा तो आइंस्टाइन ने कहा अक्सर मेरे अंगूठे के कारण मोजे पर छिद्र हो जाते हैं इसलिए मैंने मौजे पहनना छोड़ दिया है.
  8. 1 दिन अल्बर्ट आइंस्टाइन भाषण देने जा रहे थे तो रास्ते में उनके ड्राइवर ने कहा कि आप का भाषण में इतनी बार सुन चुका हूं कि लोगों के सामने में ही आपका भाषण दे सकता हूं. यह सुनकर के अनशन ने कहा ठीक है’ आज तुम ही भाषण देना! आइंस्टाइन एक ड्राइवर की पोशाक पहनकर उसका स्थान ले लिया और अपना स्थान ड्राइवर को दे दिया. जब भाषण की शुरुआत हुई तो ड्राइवर ने भाषण देना शुरू किया. ड्राइवर का भाषण बिल्कुल आइंस्टाइन के जैसा ही था. ड्राइवर ने धुआंधार, आत्मविश्वास पूर्ण भाषण दिया. भाषण देने के बाद जब लोगों ने प्रश्न पूछना शुरू किया तो ड्राइवर पूरे आत्मविश्वास के साथ जवाब देने लगा. किंतु किसी एक कठिन प्रश्न पर ड्राइवर उलझ गया. इस पर ड्राइवर ने चतुर दिमाग लगाया और कहा ‘इस प्रश्न का जवाब तो इतना सरल है कि मेरा ड्राइवर ही बता देगा” ऐसा कहकर उसने ड्राइवर वाली पोशाक पहने आइंस्टाइन को जवाब देने के लिए खड़ा कर दिया.
  9. आइंस्टाइन समुद्री यात्रा करते समय वायलिन बजाना पसंद करते थे लेकिन वह जब भी वायलिन बजाते थे तो अपने मोजे उतार दिया करते थे.
  10. अल्बर्ट आइंस्टाइन को संगीत में काफी रूचि थी वह कभी कबार किचन में जाकर के वायलिन बजाया करते थे और खाली समय में मौज जाट का संगीत भी सुनते थे.
  11. अल्बर्ट आइंस्टाइन की याददाश्त काफी कमजोर थी वह अक्सर अपने घर का पता व फोन नंबर तक भूल जाते थे.
  12. अल्बर्ट आइंस्टाइन को अपने वायलिन से काफी लगाव था. बचपन से लेकर बुढ़ापे तक उनके पास एक ही वायलिन रही थी.
  13. अल्बर्ट आइंस्टाइन का मानना था अगर आपको बढ़िया रिसर्च करनी है तो आपको 10 घंटे सोना होगा.
  14. अल्बर्ट आइंस्टाइन का जन्मदिन ” जीनीयस डे” के रूप में हर साल मनाया जाता है.
  15. आइंस्टाइन जब विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे तब एक दिन उनके पास उनका एक छात्र आया और उनसे बोला ” इस साल भी परीक्षा में वही प्रश्न आएंगे” जो पिछले साल की परीक्षा में आए थे. इस पर आइंस्टाइन ने जवाब दिया हां लेकिन इस साल उन प्रश्नों के उत्तर बदल गए हैं.
  16. ना जी गतिविधियों के कारण अल्बर्ट आइंस्टाइन को जर्मनी छोड़ करके अमेरिका में शरण लेनी पड़ी थी.
  17. आइंस्टाइन ने अपने जीवन काल में सैकड़ों किताबों और लेख प्रकाशित किए. उन्होंने तीन सौ से अधिक वैज्ञानिक तथा 150 से अधिक गैर वैज्ञानिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं.
  18. आइंस्टाइन अपने जीवन काल में कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किया है साल 1922 में उन्हें भौतिकी में ” सैद्धांतिक भौतिकी के लिए अपनी सेवा, और फोटो इलेक्ट्रिक प्रभाव के कानून की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है”
  19. जब लोग आइंस्टाइन से उनकी प्रयोगशाला के बारे में पूछते थे तो वह केवल अपने सिर की ओर इशारा करके मुस्कुरा देते थे. एक विज्ञानिक ने उनसे, उनके सबसे प्रिय उपकरण के बारे में पूछा तो आइंस्टाइन ने उसे अपना फाउंटेन पेन दिखाया. आइंस्टाइन का कहना था कि दिमाग उनकी प्रयोगशाला है और फाउंटेन पेन उनका उपकरण.

18 अप्रैल साल 1995 के दिन इस महान वैज्ञानिक ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. लेकिन इनकी किए गए महान अविष्कार के कारण आज विज्ञान के क्षेत्र में दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की हो रही है.

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