APJ Abdul kalam Biography – एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी

APJ Abdul kalam Biography – एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी – डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत के प्रख्यात वैज्ञानिक और भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे. उन्होंने देश के कुछ सबसे महत्वपूर्ण संगठनों में कार्य किया है. जैसे कि डीआरडीओ और इसरो. उन्होंने वर्ष 1998 को पोखरण के द्वितीय परमाणु परीक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत को विश्व के सामने एक सुदृढ़ राष्ट्र के रूप में उभार कर के सामने लेकर आए हैं.

आज का हमारा यह लेख उन्हीं के ऊपर है. आज हम यहां पर उनके जीवन के बारे में आपको APJ Abdul kalam Biography – एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी – विस्तार से बताने वाले हैं.

APJ Abdul kalam Biography – एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के साथ भी जुड़े रहे थे. यही कारण है कि उन्हें ‘मिसाइल मैन’ के नाम से भी जाना जाता है. वर्ष 2002 में एपीजे अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति चुने गए और 5 वर्ष की अवधि की सेवा के बाद, वह शिक्षण, लेखन और सार्वजनिक सेवा में लौट आए.

अबुल पाकिर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था. उनके पिता जैनुल आबेदीन एक नाविक थे. उनकी माता आशी अम्मा एक ग्रहणी थी. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए उन्हें छोटी उम्र से ही काम करना पड़ा. अपने पिता की आर्थिक मदद के लिए बचपन से ही बालक कलाम स्कूल के बाद समाचार पत्र वितरण का कार्य करते थे.

अपने स्कूल के दिनों में एपीजे अब्दुल कलाम पढ़ाई लिखाई में सामान्य थे पर नई नई चीजें सीखने के लिए हमेशा तत्पर और तैयार रहते थे. उनके अंदर सीखने की भूख थी और वह पढ़ाई पर घंटों ध्यान देते थे. उन्होंने अपने स्कूल की पढ़ाई रामानाथमपुराण से मैट्रिक की परीक्षा पूरी की और उसके बाद त्रिचुप अली के सेंट जोसेफ कॉलेज से अपनी स्नातक की डिग्री हासिल की.

उन्होंने सन् 1954 में भौतिक विज्ञान में स्नातक किया. उसके बाद वर्ष 1955 में हुए मद्रास चले गए जहां से उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण की. वर्ष 1960 में एपीजे अब्दुल कलाम ने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. APJ Abdul kalam Biography

एपीजे अब्दुल कलाम का कैरियर – Career of APJ Abdul kalam

मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद एपीजे अब्दुल कलाम ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ( डीआरडीओ) मे विज्ञानी के तौर पर भर्ती हुए.

एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने कैरियर की शुरुआत भारतीय सेना के लिए एक छोटे हेलीकॉप्टर का डिजाइन बनाकर किया. डीआरडीओ में कलाम को उनके काम से संतुष्टि नहीं मिल रही थी. एपीजे अब्दुल कलाम पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा गठित ‘इंडियन नेशनल कमिटी फॉर स्पेस रिसर्च’ के सदस्य भी थे.

इस दौरान उन्हें प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम सराभाई के साथ कार्य करने का अवसर भी मिला. साल 1969 में उनका स्थानांतरण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो में कर दिया गया. यहां व भारत के सैटलाइट लॉन्च व्हीकल परियोजना के निदेशक के तौर पर नियुक्त किए गए. इसी परियोजना की सफलता के परिणाम स्वरूप भारत का प्रथम उपग्रह ‘ रोहिणी’ पृथ्वी की रक्षा में वर्ष 1980 में स्थापित किया गया था.

इसरो में शामिल होने के बाद कलाम के कैरियर का सबसे अहम मोड़ा आया था और जब उन्होंने सैटलाइट लॉन्च व्हीकल परियोजना पर कार्य करना आरंभ किया था. तब उन्हें लगा जैसे वह वही कार्य कर रहे हैं जिससे उनका मन लगता है. APJ Abdul kalam Biography

वर्ष 1963 से 1964 के दौरान उन्होंने अमेरिका के अंतरिक्ष संगठन नासा की भी यात्रा की. परमाणु वैज्ञानिक राजा रमन्ना, जिनके देखरेख में भारत ने पहला परमाणु परीक्षण किया, ने कलाम को वर्ष 1974 में पोखरण में परमाणु परीक्षण देखने के लिए भी बुलाया था.

70 और 80 के दशक में अपने कार्यों और सफलता से डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम भारत में बहुत प्रसिद्ध हो गए और देश के सबसे बड़े वैज्ञानिकों में उनका नाम गिना जाने लगा. उनकी ख्याति इतनी बढ़ गई थी कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही उन्हें कुछ परियोजनाओं पर कार्य करने की अनुमति दे दी थी.

भारत सरकार ने महत्वाकांक्षी ‘ इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम’ का आरंभ डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की देखरेख में किया गया था. वह इस परियोजना के मुख्य कार्यकारी थे. इस परियोजना ने देश की अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलें दी है.

जुलाई वर्ष 1992 से लेकर के दिसंबर 1999 तक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के सचिव हो रहे थे. भारत ने अपना दूसरा परमाणु परीक्षण इसी दौरान किया था. उन्होंने इस में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. चिदंबरम के साथ डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम इस परियोजना के समन्वयक रहे थे. इस दौरान मिले मीडिया कवरेज ने उन्हें देश का सबसे बड़ा परमाणु वैज्ञानिक बना दिया.

वर्ष 1998 में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने हृदय चिकित्सक सोमा राजू के साथ मिलकर के एक कम कीमत का ‘ कोरोनरी स्टेंट का विकास किया था.

भारत के राष्ट्रपति के रूप में अब्दुल कलाम – President of India APJ Abdul kalam

एक रक्षा वैज्ञानिक के तौर पर उनकी उपलब्धियों और प्रसिद्धि के मद्देनजर एनडीए की सरकार ने उन्हें वर्ष 2002 में राष्ट्रपति का पद का उम्मीदवार बनाया. APJ Abdul kalam Biography

उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी लक्ष्मी सहगल को भारी अंतर से पराजित किया और 25 जुलाई 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण किया. डॉ कलाम देश के ऐसे तीसरे राष्ट्रपति थे जिन्होंने राष्ट्रपति बनने से पहले ही भारत रतन से नवाजा जा चुका था.

इससे पहले डॉ राधाकृष्णन और डॉक्टर जाकिर हुसैन को राष्ट्रपति बनने से पहले ‘ भारत रत्न’ से सम्मानित किया जा चुका था.

उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें ‘ जनता का राष्ट्रपति’ कहा गया. अपने कार्यालय की समाप्ति पर उन्होंने दूसरे कार्यालय की भी इच्छा जताई पर राजनीतिक पार्टियों में एक राय की कमी होने के कारण उन्होंने यह विचार त्याग दिया.

12वीं राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल के कार्यकाल के समाप्ति के समय एक बार फिर उनका नाम अगले संभावित राष्ट्रपति के रूप में चर्चा में था परंतु आम सहमति नहीं होने के कारण उन्होंने अपनी उम्मीदवारी का विचार त्याग दिया.

राष्ट्रपति पद से सेवा मुक्त होने के बाद का समय

राष्ट्रपति पद से सेवा मुक्त होने के बाद डॉक्टर कलाम शिक्षण, लेखन मार्गदर्शन और शोध जैसे कार्यों में व्यस्त रहें और भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिलांग, भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद, भारतीय प्रबंधन संस्थान, इंदौर जैसे संस्थानों से विजिटिंग प्रोफेसर के तौर पर जुड़े रहे.

इसके अलावा वह भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरू के फेलो इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी तिरुवंतपुरम, के चांसलर, अन्ना यूनिवर्सिटी चेन्नई में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर भी रहे.

उन्होंने ITITI हैदराबाद, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी और अन्ना यूनिवर्सिटी में सूचना प्रौद्योगिकी भी पढ़ाया था. डॉक्टर एपीजे कल आप हमेशा से देश के युवाओं और उनके भविष्य को बेहतर बनाने के बारे में बातें करते थे. APJ Abdul kalam Biography

इसी संबंध में उन्होंने देश के युवाओं के लिए “What Can I Give” पहल की शुरुआत भी की थी जिसका उद्देश्य भ्रष्टाचार का सफाया करना था. देश के युवाओं में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें दो बार (2003 और 2004) एमटीवी यूथ आइकन ऑफ द ईयर अवार्ड अकेली भी मनोनीत भी किया गया था.

वर्ष 2011 में प्रदर्शित हुई हिंदी फिल्म ” आई एम कलाम” उनके जीवन से प्रभावित है. शिक्षण के अलावा डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने कई पुस्तकें भी लिखी जिनमें प्रमुख है – ‘India 2020: A Vision for the New Milennium’, Wings of fire: An Autobiography, Mission India, इत्यादि.

एपीजे अब्दुल कलाम को मिले पुरस्कार और सम्मान – Award and Honour

देश और समाज के लिए किए गए उनके कार्यों के लिए डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को अनेकों पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 40 विश्वविद्यालयों ने उन्हें मानद डॉक्टरेट की उपाधि दी और भारत सरकार ने उन्हें पदम भूषण, पदम विभूषण और भारत के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘ भारत रत्न’ से भी अलंकृत किया है.

मृत्यु : – 27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिलांग, मे अध्यापन कार्य के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद करोड़ों लोगों के प्रिय और चाहे थे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम परलोक सिधार गए.

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