Dashrath Manjhi ( दशरथ मांझी) एक ऐसे व्यक्ति जिन्होंने एक हथौड़ी और छेनी अकेले 360 फुट लंबी 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊंचे पहाड़ को काटकर के सड़क बना डाला. इनकी जीवनी आज के युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गई है. किसी भी काम को अगर इंसान करने की ठान ले, तो वह उस कार्य में सफल हो ही जाता है.

दशरथ मांझी (Dashrath Manjhi) इनका नाम तो आपने जरूर सुना होगा. दशरथ मांझी के ऊपर एक बॉलीवुड की फिल्म “ दशरथ द माउंटेन मैन” नामक फिल्म भी बनाई जा चुकी है. आज हम उनके जीवन के बारे में विस्तार से जानेंगे.
Dashrath Manjhi Inspirational story – दशरथ मांझी की प्रेरणादायक कहानी
दशरथ मांझी का आरंभिक जीवन – Early Life of Dashrath Manjhi
दशरथ मांझी काफी कम उम्र में अपना घर छोड़ करके भाग गए थे. धनबाद कि कोयले की खदानों में उन्होंने काम किया. फिर भी अपने घर लौट आए और फागुनी देवी (Falguni Devi) से शादी की.
एक दिन की बात है फागुनी देवी, उस दौरान गर्भवती थी. अपने पति दशरथ मांझी के लिए दोपहर का भोजन ले जाते वक्त गिर गई थी. फाल्गुनी देवी पहाड़ के दर्रे मैं गिर गई और उनका निधन हो गया. अगर फाल्गुनी देवी को अस्पताल सही समय पर ले जाया गया होता तो शायद वह बच जाती.
यही बात दशरथ मांझी के मन में घर कर गई थी. इसके बाद दशरथ मांझी ने संकल्प लिया कि वह अकेले अपने दम पर वे पहाड़ के बीचो-बीच से रास्ता निकालेंगे और फिर उन्होंने 360 फुट लंबा (110 m) 25 फुट गहरा (7.6 m) 30 फीट चौड़ा (9.1 m) गहलोत की पहाड़ियों में रास्ता बनाना शुरू किया.

इस बारे में दशरथ मांझी कहते हैं कि – ” जब मैंने पहाड़ी तोड़ना शुरू किया तो लोगों ने मुझे पागल कहा लेकिन इस बात में मेरे निश्चय को और भी मजबूत किया था”
उन्होंने पहाड़ में रास्ता बनाने के लिए कभी हार नहीं मानी. वह अकेले अपने दम पर इतने ऊंचे पहाड़ को काटकर के आखिरकार उन्होंने रास्ता बना ही डाला था. उन्होंने अपने काम को 22 वर्षों (1960 से 1982) मैं पूरा कर दिया.
इस सड़क ने गया के आतरी और वजीरगंज सेक्टर की दूरी को 55 किलोमीटर से 15 किलोमीटर कर दिया. शुरुआत में दशरथ मांझी के इस प्रयास को काफी लोगों ने मजाक उड़ाया था.
लेकिन दशरथ मांझी का यह दृढ़ निश्चय गहलौर के लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं था. इस पहाड़ी रास्ते में इन लोगों की समस्याएं और जीवन को सरल बना दिया था.
हालांकि उन्होंने एक संरक्षित पहाड़ को काटा, जो भारतीय वन्य जीवन सुरक्षा अधिनियम के अनुसार दंडनीय अपराध है. फिर भी उनका यह प्रयास सराहनीय है. बाद में दशरथ मांझी ने कहा – ” पहले पहले गांव वालों ने मुझ पर ताने कसे लेकिन उनमें से कुछ ने मुझे खाना दिया और औजार खरीदने में मेरी सहायता भी की थी”
दशरथ मांझी और पहाड़ काटने में संघर्ष
दशरथ मांझी के प्रयास का सकारात्मक नतीजा निकला. केवल एक हथौड़ी और छैनी ले करके उन्होंने अकेले ही 360 फीट लंबी 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊंचे पहाड़ को काटकर के सड़क बना डाला.
इस सड़क ने गया के अत्रि और वजीरगंज सेक्टर की दूरी 55 किलोमीटर से 15 किलोमीटर तक कम कर दिया.
गांव के लोगों को आने-जाने में तकलीफ ना हो. आखिरकार 1983 में 22 वर्ष की मेहनत के बाद माझी ने अपने कार्य को पूरा किया. उनकी इस उपलब्धि के लिए बिहार सरकार ने सामाजिक सेवा के क्षेत्र में साल 2006 में पदम श्री हेतु उनका नाम प्रस्तावित भी किया था.
पत्नी के देहांत हो जाने के गम से टूटे दशरथ मांझी ने अपनी सारी ताकत बटोरी और पहाड़ के सीने पर वार करने का फैसला किया. लेकिन यह आसान नहीं था. शुरुआत में उन्हें लोगों ने पागल तक कह दिया था. लेकिन फिर भी दशरथ मांझी ने हार नहीं मानी. उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि – ” गांव वाले शुरुआत में मुझे कहते थे कि मैं पागल हो गया हूं” नितिन उनके तारों ने मेरा हौसला और बढ़ा दिया.
अकेला शख्स पहाड़ भी तोड़ सकता है? किसी ने नहीं सोचा था
पहाड़ तोड़ने का कार्य उन्होंने साल 1960 से 1982 के बीच में दिन रात किया था. अगर कोई सामान्य इंसान होता तो वह जल्दी ही हार मान लेता. लेकिन दशरथ मांझी के दिलों दिमाग में यह बात घर कर गई थी कि कैसे भी करके इस पहाड़ में रास्ता बना लेना है.
और 22 साल तक अपने जुनून को जारी रखने का ही नतीजा है कि उन्होंने पहाड़ में रास्ता बना डाला. उन्होंने अपने इस कार्य से लोगों को यह शिक्षा भी दी कि अगर इंसान किसी भी कठिन से कठिन काम को करने के लिए मन में ठान ले, और इंसान के अंदर जुनून हो तो वह किसी भी कार्य को कर सकता है.
वर्तमान संस्कृति में दशरथ मांझी
फिल्म प्रभाग ने इन पर एक वृत्तचित्र यानी की डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘ द मैन हु मुंव्ड द माउंटेन” भी बनाई थी. इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रोडक्शन कुमुद रंजन के निर्देशन पर किया गया था.
जुलाई 2012 में निर्देशक केतन मेहता ने दशरथ मांझी के जीवन पर आधारित फिल्म “ माझी : द माउंटेन मैन” बनाने की घोषणा की. इस फिल्म में मुख्य किरदार के रूप में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने मां जी का और राधिका आप्टे ने फाल्गुनी देवी की भूमिका निभाई थी.
साल 2014 में प्रसारित टीवी शो सत्यमेव जयते के सीजन 2 में जिसकी मेजबानी आमिर खान ने की थी का पहला एपिसोड दशरथ मांझी को समर्पित किया गया था. आमिर खान और राजेश रंजन भी दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ जी और बहू बसंती देवी से मुलाकात की दशरथ मांझी की और वित्तीय सहायता प्रदान करने का वादा किया.
लेकिन 1 अप्रैल 2014 को चिकित्सीय देखभाल वहन करने में असमर्थ होने के कारण बसंती देवी की मृत्यु हो गई. हाल ही में उनके पति ने यह कहा कि अगर आमिर खान ने मदद का वादा पूरा किया होता तो ऐसा नहीं होता.
दशरथ मांझी आज भी लोगों के दिल में याद रहेंगे
दशरथ मांझी द्वारा पहाड़ का सीना चीर कर के उसमें रास्ता बना डालने की यह जुनून कई सारे लोगों को जरूर प्रेरणा देगी. उन्होंने समाज को अपनी छोटी सी जिंदगी में यह बताया कि किसी भी कार्य को करने की अगर इंसान ठान ले तो वह जरूर उसमें सफल हो जाता है.
साल 2007 में जब वे 73 वर्ष के थे इस दुनिया को छोड़ गए. तो पीछे रह गई पहाड़ पर लिखी उनकी वह कहानी, जो आने वाले कई पीढ़ियों को सबक सिखाती रहेगी.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में पित्ताशय गॉलब्लैडर के कैंसर से पीड़ित दशरथ मांझी का 73 वर्ष की उम्र में 17 अगस्त 2007 को निधन हो गया. बिहार की राज्य सरकार के द्वारा उनका अंतिम संस्कार किया गया. बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहलौर पर उनके नाम से 3 किलोमीटर लंबी एक सड़क और हॉस्पिटल बनवाने का फैसला किया गया.
वाकई में उनका जुनून काबिले तारीफ था. एक साधारण इंसान किसी भी कार्य को लंबे समय तक करते रहने से ऊब जाता है. और आखिरकार हार मान लेता है. लेकिन दशरथ मांझी ने 22 वर्षों तक इस जुनून को जलाए रखा. पहाड़ के सीना को काट कर के उसमें रास्ता अकेले बलबूते पर बनाया है. उनका यह प्रयास समाज को यह शिक्षा देता है, कोई भी काम कठिन नहीं होता, बस उस कार्य को करने के लिए आपके अंदर जुनून होना चाहिए.
I think the admin of this web site is really working hard for his web site, as here every data is quality based data.
Have you ever considered about including a little bit more than just your
articles? I mean, what you say is important and all. But think
of if you added some great graphics or videos to give your
posts more, “pop”! Your content is excellent but with images and video clips, this site could certainly be one of the best in its field.
Great blog!
My brother suggested I might like this web site.
He was totally right. This post truly made my day.
You can not imagine just how much time I had spent for this info!
Thanks!
Whats up very cool site!! Guy .. Excellent ..
Superb .. I will bookmark your web site and take the feeds also?
I am happy to search out numerous helpful info right here in the submit, we’d like work out more strategies on this regard, thanks
for sharing. . . . . .
Pretty nice post. I simply stumbled upon your weblog and
wished to say that I have truly loved surfing around your blog posts.
After all I will be subscribing on your feed
and I am hoping you write again soon!