Foolish Crane And The Mongoos – मूर्ख बगुला और नेवला पंचतंत्र की कहानियां – ऐसे ही और भी पंचतंत्र की कहानियां पढ़ने के लिए आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं. हमने यहां पर 60 से भी अधिक पंचतंत्र की कहानियों को संग्रहित किया है.
मूर्ख बगुला और नेवला पंचतंत्र की कहानियां – Foolish Crane And The Mongoos
जंगल के एक बड़े से बरगद की पेड़ की खोल में बहुत से बगुले रहते थे. उसी पेड़ की जड़ में एक साँप भी रहता था. वहां बगुले के छोटे-छोटे बच्चों को था जाया करता था.
एक बगुला सांप द्वारा बार-बार बच्चों को खाए जाने पर बहुत दुखी और विरक्त सा होकर नदी के किनारे आ कर के बैठा था. उसकी आंखों में आंसू भरे हुए थे. उसे इस प्रकार रोता हुआ देखकर एक केकड़ा ने पानी से निकलकर उससे कहा – ” मामा! क्या बात है? आज रो क्यों रहे हो?”
बगुले ने कहा – ” भैया! बात यह है कि मेरे बच्चों को सांप बार-बार खा जाता है. कुछ उपाय नहीं सूझता, किस प्रकार सांप का नाश किया जाए. तुम ही कोई उपाय बता दो.”
केकड़े ने मन में सोचा, ” यह बगुला तो मेरा जन्म से बेरी है, इसे ऐसा उपाय बताऊंगा, जिससे सांप के नाच के साथ-साथ इसका भी नाश हो जाए।” यह सोचकर वह बोला – ” मामा! एक काम करो, मांस के कुछ टुकड़े लेकर के नेवले के बिल के सामने डाल दो. इसके बाद बहुत से टुकड़े उस दिन से शुरू करके सांप के बिल तक बिखेर दो. नेवला उन टुकड़ों को खाता खाता सांप के बिल तक आ जाएगा और वहां सांप को भी देख कर उसे मार डालेगा.”
बगुले ने ऐसा ही किया. नेवले ने सांप को तो खा लिया किंतु सांप के बाद उस वृक्ष पर रहने वाले बगुला को भी खा डाला. Foolish Crane And The Mongoos
बगुला ने उपाय तो सोचा, लेकिन उसके अन्य दुष्परिणाम के बारे में नहीं सोचा. अपनी मूर्खता का फल उसे मिल गया था.