Isaac Newton Biography Hindi – सर आइज़क न्यूटन की जीवन परिचय

Isaac Newton Biography Hindi – सर आइज़क न्यूटन की जीवन परिचय – आइज़क न्यूटन को विश्व भर में 3 क्रांतिकारी खोजो के लिए जाना जाता है. इन्होंने प्रकाश संबंधी नियम, द्रव्य स्थिति एवं गुरुत्वाकर्षण, डिफरेंशियल कैलकुलस दिए हैं.

आइज़क न्यूटन ने जो प्रमुख सिद्धांत का प्रतिपादन किया था उसे गुरुत्वाकर्षण (Universal Gravitation) कहा जाता है. गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत के अनुसार विश्व की समस्त प्रकृतिक शक्तियां चाहे वह सूर्य, पृथ्वी, ग्रह नक्षत्र, तारे सभी स्थिर और गतिमान रहते हैं. इस महान खोज के लिए तथा खगोल विज्ञान से संबंधित उनकी खोज के लिए सर आइज़क न्यूटन हमेशा जाने जाएंगे.

आज के हमारे इस लेख में हम लोग – Isaac Newton Biography Hindi – सर आइज़क न्यूटन की जीवन परिचय के बारे में जानेंगे.

Isaac Newton Biography Hindi – सर आइज़क न्यूटन की जीवन परिचय

सर आइज़क न्यूटन (Isaac Newton) का जन्म लिंकनशायन के निकट वुल्सथोप मे 25 दिसंबर 1642 को हुआ था. उनके पिता न्यूटन एक मामूली किसान थे जो न्यूटन के जन्म से 2 माह पूर्व ही चल बसे थे. जब न्यूटन की अवस्था मात्र 3 वर्ष की थी तो उनकी माता ने गरीबी और मजबूरी के कारण दूसरा विवाह कर लिया था.

न्यूटन को दादी की देखरेख में छोड़कर नए पादरी पति के साथ उनकी माता चली गई. दादी के लाड प्यार से बड़े हुए न्यूटन का मन पढ़ाई में नहीं लगता था. उन्हें तो फूलों पत्तों को इकट्ठा करना, मशीनों के कल पुर्जों की जानकारी पाने में आनंद आता था.

शरीर से कमजोर होने के कारण उनके मन में हीनता की भावना पैदा हो गई थी. पादरी पति की मृत्यु होने पर न्यूटन की मां ने उन्हें खेती करने के लिए अपने पास बुला लिया. न्यूटन का खोज ही मन, खेती की बजाय गणित और अन्य अविष्कारों में लगा रहता था. आइज़क न्यूटन की मामा ने जब उनकी यादें साथ देखी तो उसने अपनी बहन की सहमति ले करके उन्हें स्कूल में भर्ती करवा दिया.

मां के एक परिचित क्लर्क दंपति के साथ रहते हुए न्यूटन ने 5 जून 1661 को मैट्रिक की परीक्षा अध्ययन करने के पश्चात कैंब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज में दाखिला ले लिया. Isaac Newton Biography Hindi

वर्ष 1665 में, B.a. की उपाधि प्राप्त की, उनके गणित के अध्यापक मिस्टर बैरी ने उन्हें काफी प्रोत्साहन किया. न्यूटन ने बिनोमियल प्रमेय की खोज वर्ष 1666 में की थी. वक्र रेखा तथा ठोस पदार्थों से संबंधित कुछ नियम को प्रतिपादित किया. प्लेग और महामारी के फैलने से न्यूटन विश्वविद्यालय छोड़ कर के अपने गांव चले आए.

एक दिन बाद में खाली बैठे बैठे न्यूटन कुछ सोच रहे थे तभी सेब के वृक्ष से एक से उनके सिर पर आ गिरा. इसे उठाकर वे सोचने लगे कि यह सेव नीचे ही क्यों गिरा? ऊपर की ओर क्यों नहीं गया? न्यूटन की इस बात को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने यह बात अपने भतीजे कैथरीन को बताएं और यह भी बताया कि पृथ्वी उसे खींच रही है.

पृथ्वी की नहीं सूर्य, चांद, तारों में भी यह शक्ति होती होगी? लगातार सोचते हुए न्यूटन ने सूर्य के चारों ओर निश्चित दूरी पर चक्कर लगाने वाले ग्रहों के संबंध में गुरुत्वाकर्षण के नियम को प्रतिपादित कर दिया.

सर आइज़क न्यूटन ने एक रस्सी में गेंद बांधकर गोल गोल घूम आया. बाँल के दूरी पर गिरते ही उन्होंने पृथ्वी की चंद्रमा से दूरी का आंकलन किया. यह बताया कि 2 वस्तुओं के बीच दूरी के वर्ग के उल्टा अनुपात में गुरुत्वाकर्षण बल होता है. समुद्र में उठने वाले ज्वार और लहरें भी सूर्य और चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण के चलते प्रभावित होते हैं.

वर्ष 1667 को आइज़क न्यूटन कैंब्रिज विश्वविद्यालय वापस आ पहुंचे. प्रोफेसर बैरी के अवकाश ग्रहण करने के बाद 26 वर्ष की अवस्था में वह वहां के प्रोफेसर नियुक्त किए गए. आइज़क न्यूटन को दूरबीन से तारे देखने में काफी रूचि थी, जो अत्यंत बारीकी से सटीक अध्ययन कर सके. इसलिए उन्होंने एक ऐसी दूरबीन बनाने और निर्माण करने के बारे में सोचा. इसी विचार से उन्होंने शीशों के लेंसों को बराबर गिरसा और उन्हें विभिन्न आकारों में ढाला. उन्होंने एक नई दूरबीन तैयार कर ली थी जिससे रिफ्लेक्टिंग टेलीस्कोप (Reflecting Telescope) का नाम दिया गया. इसमें प्रकाश को लेंस की बजाय शीशे के द्वारा एकत्रित किया जाता है.

उनके इस अविष्कार की चर्चा रॉयल सोसायटी तक जा पहुंची थी. इस सोसाइटी द्वारा उन्हें फेलोशिप के लिए भी चुन लिया गया था. आइज़क न्यूटन ने प्रिज्म की तरह लेंस के किनारों को प्रयुक्त किया था. जिससे सफेद प्रकाश की सामान्य किरने अनेक रंगों में बदल जाती है. Isaac Newton Biography Hindi

ऐसे में परेशान होकर उन्होंने रंगों की उत्पत्ति का कारण ढूंढ निकाला था. उन्हें ज्ञात हुआ कि सामान्य प्रकाश की किरणें जब एक प्रिज्म से गुजरती है तो वह सात रंगों में बट जाती है, अलग अलग दिखाई पड़ती है. इन रंगीन किरणों को उन्होंने दूसरे प्रिज्म से निकाल दिया तो पाया कि रंगों की किरणों का पत थोड़ा बदल जाता है. लेकिन, कोई नया रंग नहीं निकलता है.

उन्होंने साबित कर दिया कि सफेद प्रकाश वस्तुत: सात रंगों का मिश्रण होती है. सभी रंग अलग अलग है.. मौलिक है मिश्रण नहीं, इंद्रधनुष का कारण भी सरल भाषा में समझाया. आइज़क न्यूटन के द्वारा तैयार की गई दूरबीन जो 9 इंच लंबी 2 इंच शीशे से बनी थी अत्यंत लोकप्रिय हुई थी. न्यूटन के सिद्धांतों पर काफी बहस भी हुई. लेकिन, उन्होंने सभी को साप्रमाण साबित करके दिखाया. उनकी इस विधि का नाम विज्ञान विधि पड़ा. न्यूटन ने यह भी पता लगाया कि ज्वलनशील पदार्थ की किरणें 186000 मिली प्रति सेकंड की गति से खाली स्थान में चलती है.

प्रकाश की किरणों पारदर्शी माध्यम से गुजरते समय परावर्तित हो जाती है जो अपार करती है और उनका पथ बदल जाता है. वर्ष 1684 तक न्यूटन ने अपने कई सारे सिद्धांतों का प्रमाण प्रस्तुत कर दिया था. उनका नाम सोसाइटी के रजिस्टर में दर्ज हो गया. न्यूटन ने धार्मिक विरोधी का भी सामना किया. उनके द्वारा लिखी पुस्तक अर्थात प्राकृतिक दर्शन के गणितीय सिद्धांत है.

वर्ष 1687 सी को उनकी इस पुस्तक के प्रकाशन के साथ ही न्यूटन की प्रतिष्ठा भी बढ़ गई. वर्ष 1689 मैं वह संसद सदस्य चुने गए. वर्ष 1690 से लेकर के 1692 तक वे गणित संबंधी शोध में जुटे रहे. इसी बीच उन्हें मानसिक बीमारी हो गई थी.

सामान्य होने पर उन्होंने अपना शोध कार्य जारी रखा. वर्ष 1697 मे उनके द्वारा हलके के गणितीय सूत्र उनकी प्रतिभा के प्रमाण थे. वर्ष 1705 में न्यूटन को सर की उपाधि से सम्मानित किया गया. उनकी पुस्तक के कई सारे संस्करण छपे. वर्ष 1727 में न्यूटन फिर से बीमार पड़े . उन्हें पथरी की बीमारी हो गई थी. Isaac Newton Biography Hindi

20 मार्च 1727 को न्यूटन को मरणोपरांत बेस्ट मिस्टर पर दफनाया गया. सर आइज़क न्यूटन ने अपनी प्रकाश संबंधी, गुरुत्वाकर्षण तथा गणितीय खोजों से समस्त विश्व को नया ज्ञान दिया. अपने जीवन का पूरा समय महान खोजो और अविष्कार को देने वाले आइज़क न्यूटन आज भी संसार के महानतम वैज्ञानिकों में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top