Ratan Tata Biography – रतन टाटा की जीवनी – भारत के जाने माने उद्योगपति, निवेशक और टाटा संस के रिटायर्ड अध्यक्ष रतन टाटा . रतन टाटा ने वर्ष 1991 से लेकर के वर्ष 2012 तक मिस्र टाटा ग्रुप के अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्होंने 28 दिसंबर वर्ष 2012 को अपने टाटा ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया था. लेकिन, रतन टाटा “Tata Group” के चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष आज भी है.
वे दुनिया की सबसे छोटी कार बनाने के लिए पूरी दुनिया भर में प्रसिद्ध है. उन्होंने अपने बुद्धिमता और योग्यता के बल पर टाटा ग्रुप को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया है. रतन टाटा जी ने टाटा ग्रुप के अध्यक्ष के तौर पर टाटा ग्रुप का नाम देश विदेश में रोशन किया है.
रतन टाटा (Ratan Tata) एक प्रसिद्ध उद्योगपति होने के साथ-साथ एक अच्छे इंसान भी हैं, जो कि अपनी दरियादिली के लिए भी जाने जाते हैं. वह हमेशा ही असहाय, गरीब, मजदूरों पीड़ितों और जरूरतमंदों की मदद करते हैं.
वर्ष 2020 में कोविड-19 के दौरान भी संक्रमित लोगों को राहत सहायता प्रदान करने के लिए उन्होंने बड़ी राशि दान स्वरूप भी दी है. उनकी गिनती दुनिया के सबसे अमीर लोगों में होती है, तो चलिए जानते हैं इस महान उद्योगपति Ratan Tata Biography – रतन टाटा की जीवनी के बारे में.
Ratan Tata Biography – रतन टाटा की जीवनी
भारत के महान बिजनेसमैन रतन टाटा भारत के सूरत शहर में 28 दिसंबर, वर्ष 1937 में एक व्यापारी घराने में जन्म हुए थे. इनके पिता का नाम नवल टाटा और माता का नाम सोनू था. उनके माता-पिता के बीच तलाक के बाद उनका पालन पोषण उनके दादी नवाज बाई टाटा ने ही किया था. रतन टाटा के पिता ने सिमोन टाटा से दूसरी शादी कर ली थी.
रतन टाटा का संक्षिप्त जीवन परिचय – Ratan Tata Short Biography
रतन टाटा का संक्षिप्त जीवन परिचय - Ratan Tata Information |
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पूरा नाम - रतन नवल टाटा |
जन्मतिथि - 28 दिसंबर, वर्ष 1937, सूरत, गुजरात भारत |
पिता का नाम - नवल टाटा |
माता का नाम - सोनू टाटा, सिमोन टाटा ( सौतेली मा) |
शैक्षणिक योग्यता - बी.एस डिग्री इंजीनियरिंग के साथ वस्तु कला में उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम |
पुरस्कार - पदम भूषण, पदम विभूषण |
रतन टाटा के एक सौतेले भाई भी है जिनका नाम नोएल टाटा है. रतन टाटा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मुंबई के ही कैंपियन स्कूल में रहकर के पूरी की है. इसके बाद उन्होंने मुंबई के ही कैथेड्रल और जॉन स्कूल मे रह करके अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी की है.
साल 1962 में रतन टाटा जी संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए जहां उन्होंने न्यूयॉर्क के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के साथ वस्तु कला में अपनी B.S की डिग्री हासिल की और वे अमेरिका के हावर्ड बिजनेस स्कूल में मैनेजमेंट प्रोग्राम की पढ़ाई के लिए चले गए.
उस दौरान रतन टाटा जी टाटा अल्फसिग्मा फाई बंधुत्व के सदस्य भी रहे थे. रतन टाटा का ऐसा मानना है कि परोपकारयों को अलग नजरिए से देखना चाहिए. पहले परोपकारी अपनी संस्थाओं और अस्पताल का विकास करते थे जबकि अब उन्हें देश का विकास करने की जरूरत है.
वर्ष 1887 में टाटा एंड संस कंपनी की स्थापना करने वाले जमशेदजी नुसीरवानजी के बड़े बेटे सर दोराबजी टाटा वर्ष 1904 में अपने पिता के निधन के बाद कंपनी की कमान संभाली. लेकिन वर्ष 1932 में वह भी परलोक सिधार गए. लेकिन उस समय कंपनी को संभालने वाला कोई नहीं था, क्योंकि सर दोराबजी टाटा की कोई संतान नहीं थी. इसलिए इस बार कंपनी की कमाल उनकी बहन के बड़े बेटे सर नवारोजी टाटा को दे दी गई.
रतन टाटा का कैरियर – Career of Ratan Tata
रतन टाटा भारत लौटने से पहले लॉस एंजेलिस, कैलिफ़ोर्निया, मे जोन्स और एमोंस में कुछ समय कार्य किया था. उन्होंने टाटा ग्रुप के साथ अपने कैरियर की शुरुआत वर्ष 1961 में की थी. शुरुआती दिनों में उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर कार्य किया था. इसके बाद वे टाटा ग्रुप के और कंपनियों के साथ जुड़ते चले गए. वर्ष 1971 में उन्हें राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी नेल्को में प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया था. वर्ष 1981 में उन्हें टाटा इंडस्ट्री का अध्यक्ष बनाया गया. वर्ष 1991 में जेआरडी टाटा ने ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया और रतन टाटा को अपना उत्तराधिकारी बनाया.
28 दिसंबर 2012 को वे टाटा समूह के सभी कार्यकारी जिम्मेवारी से सेवानिवृत्त हो गए. उनका स्थान 44 वर्षीय साइरस मिस्त्री ने लिया. हालांकि टाटा अब सेवानिवृत्त हो गए हैं फिर भी वह कामकाज में लगे हुए रहते हैं. 28 दिसंबर वर्ष 2012 को वे टाटा समूह के सभी कार्यकारी जिम्मेवारी से सेवानिवृत्त हो गए थे. अभी हाल ही में उन्होंने भारत के ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील में अपना व्यक्तिगत निवेश किया है. इसके साथ ही साथ उन्होंने एक और ई-कॉमर्स कंपनी अर्बन लैडर और चाइनीस मोबाइल कंपनी जिओनी में भी निवेश किया है.
रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत टाटा ग्रुप के साथ वर्ष 1961 में की थी. इसके लिए सबसे पहले उनको जमशेदपुर के टाटा स्टील प्लांट में भेजा गया था जहां के कारीगरों के साथ मिलकर के उन्होंने काम की बारीकियां सीखी थी. वर्ष 1971 में वे उन दिनों वित्तीय संकट से जूझ रहे थे. नाल्को नए कंपनी के डायरेक्टर के पद पर उन्हें चुना था. वर्ष 1991 में जेआरडी टाटा संस के चेयरमैन के रूप में रतन टाटा को उनका उत्तराधिकारी घोषित किया और उनको सारा कार्यभार सौंप दिया. वर्ष 1991 में टाटा ग्रुप को संभालने के बाद उन्होंने कंपनी को इतनी ऊंचाई तक पहुंचाया है जिसे हम अभी वर्तमान में देख सकते हैं. यहां पर क्लिक करके आप रविंद्र नाथ टैगोर के जीवन के बारे में पढ़ सकते हैं.
26 मार्च वर्ष 2008 को उन्होंने फोर्ड मोटर कंपनी से ” जैगुआर और लैंडरोवर” खरीद कर उसकी भारत में बिक्री शुरू की है. 26 जनवरी वर्ष 2000 को उन्हें पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया और इसके बाद वर्ष 2006 को उनको दूसरा बड़ा नागरिक सम्मान पदम विभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है. उनको लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से मानद की उपाधि भी दी गई है. वर्ष 2007 में उन्हें विश्व के 25 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में रखा गया था.
रतन टाटा को मिले पुरस्कार एवं सम्मान
[su_box title=” रतन टाटा को मिले पुरस्कार एवं सम्मान ” style=”default” box_color=”#008000″ title_color=”#FFFFFF” radius=”3″ class=”” id=””] ● वर्ष 2006 में साइंस की मानद डॉक्टरेट की डिग्री इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास. ● वर्ष 2005 में साइंस की मानद डॉक्टरेट डिग्री अंतरराष्ट्रीय अचीवमेंट अवार्ड. ● वर्ष 2004 में प्रौद्योगिकी के मानद डॉक्टरेट एशियन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से डिग्री● वर्ष 2001 में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के मानद डॉक्टरेट भैया स्टेट यूनिवर्सिटी● वर्ष 2008 साइंस की मानद इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबई से● साल 2000 में रतन टाटा जी को भारत सरकार की तरफ से पदम भूषण से सम्मानित किया गया● वर्ष 2008 में रतन टाटा को भारत सरकार ने भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पदम भूषण दिया था● इंडो इजरायल चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा वर्ष 2010 में” बिजनेस मैन ऑफ द से सम्मानित किया था.[/su_box]
रतन टाटा के अनमोल विचार

[su_quote style=”default” cite=”” url=”” class=””] आगे बढ़ने के लिए जीवन में उतार चढ़ाव बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे भी एक सीधी लाइन का मतलब होता है कि हम जिंदा नहीं है [/su_quote]
[su_quote style=”default” cite=”” url=”” class=””] मैं निश्चित रूप से राजनीति में नहीं शामिल होऊंगा. मैं एक साफ सुथरा बिजनेसमैन के तौर पर याद किया जाना पसंद करूंगा, जिसने सदा के नीचे की गतिविधियों में हिस्सा लिया हो, और जो काफी सफल रहा हो. [/su_quote]
[su_quote style=”default” cite=”” url=”” class=””] कोई लोहा को नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन उसकी अपनी जंग उसे कर सकती है! उसी तरह से कोई किसी इंसान को बर्बाद नहीं कर सकता, लेकिन उसकी अपनी मानसिकता उसे कर सकती है [/su_quote]
[su_quote style=”default” cite=”” url=”” class=””] ऐसी कई चीजें हैं, जो अगर मुझे दोबारा जीने का मौका मिले तो शायद मैं अलग ढंग से करूंगा. लेकिन मैं पीछे मुड़कर यह नहीं देखना चाहूंगा कि मैं क्या नहीं कर पाया. [/su_quote]