The Bird and The Monkey – चिड़िया और बंदर पंचतंत्र की कहानी – पंचतंत्र की और भी ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं. हमने यहां पर 60 से भी अधिक पंचतंत्र की कहानियों को संग्रहित किया है.
The Bird and The Monkey – चिड़िया और बंदर पंचतंत्र की कहानी
एक जंगल में एक पेड़ पर गौरैया का घोंसला था. एक दिन कड़ाके की ठंड पड़ रही थी. ठंड से कांपते हुए तीन चार बंदरों ने उस पेड़ के नीचे आश्रया लिया. एक बंदर बोला, ” कहीं से आग तापाने को मिले तो ठंड दूर हो सकती है.” The Bird and The Monkey
दूसरे बंदर ने सुझाया , ” देखो, यहां पर कितनी सूखी पत्तियां गिरी पड़ी है. इन्हें इकट्ठा कर हम ढेर लगाते हैं और फिर उसे सुलाने का उपाय सोचते हैं.”
बंदरों ने सूखी पत्तियों का ढेर बनाया और फिर गोल दायरे में बैठकर सोचने लगे कि ढेर को कैसे जलाया जाए. तभी एक बंदर की नजर दूर हवा में उड़ते एक जुगनू पर पड़ी और वह उछल पड़ा. उधर ही दौड़ता हुआ चिल्लाने लगा, ” देखो, हवा में चिंगारी उड़ रही है. इसे पकड़ कर ढेर के नीचे रखकर फूंक मारने से आग जल जाएगी.”
हा हा हा!, कहते हुए बाकी बंदर भी उधर दौड़ने लगे. पेड़ पर अपने घोसले में बैठी गौरैया यह सब देख रही थी. उससे चुप नहीं रहा गया. वह बोली, ” बंदर भाइयों, यह चिंगारी नहीं है यह तो जुगनू है.”
फिर क्या था? एक बंदर क्रोध से गोरैया की तरफ देख कर के गुरुराया ” मूर्ख चिड़िया, चुपचाप घोसले में दुबक रहे. हमें सिखाने चली है.” The Bird and The Monkey
इस बीच एक बंदर उछलकर जुगनू को अपने हथेलियों के बीच कटोरा बनाकर कैद करने में सफल हो जाता है. जुगनू को ढेर के नीचे रख दिया गया और सारे बंदर लगे चारों ओर से ढेर में फूंक मारने.
गौरैया ने सलाह दी, ” भाइयों! आप लोग गलती कर रहे हैं. जुगनू से आज नहीं जलेगी. दो पत्थर को टकराकर उसे चिंगारी पैदा करके आग जलाया जा सकता है.”
बंदरों ने गौरैया को एक बार फिर से घूरते हुए देखा. आग नहीं जलेगी तो गोरैया फिर बोल उठी -” भाइयों! आप मेरी सलाह मानिए, कम से कम दो सूखी लकड़ियों को आपस में रगड़ कर देखिए.”
सारे बंदर आग ना जला पाने के कारण गुस्से में तिलमिला उठे थे. एक बंदर क्रोध से भर कर आगे बढ़ा और उसने गौरैया को पकड़ कर जोर से पेड़ के तने पर मारा. गोरैया फड़फड़ाती हुई नीचे गिरी और मर गई.
The Bird and The Monkey – चिड़िया और बंदर पंचतंत्र की कहानी
इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
इस कहानी से हमें दो महत्वपूर्ण सीख मिलती है. पहली, बिना मांगे किसी को भी सलाह नहीं देनी चाहिए, खासकर मूर्ख व्यक्ति को तो बिल्कुल भी नहीं. दूसरी, मूर्ख को सीख या सलाह देने का कोई लाभ नहीं होता है. उल्टे सीख देने वाली को ही पछताना पड़ता है.