Types of Computer in Hindi- कंप्यूटर के प्रकार

कंप्यूटर हमारे, रोजमर्रा की जिंदगी में एक ऐसी मशीन है जिन्होंने हमारे कार्य को और भी आसान बना दिया है. जैसे-जैसे विज्ञान में तरक्की होती गई. कंप्यूटर के आकार और स्वरूप में भी बदलाव आते गए. आने वाले वर्षों में भी कंप्यूटर में उपयोगिता के आधार पर बदलाव होते रहेंगे. अभी तक कंप्यूटर की कई पीढ़ियां आ चुकी है.Types of Computer – कंप्यूटर के प्रकार – आज के हमारे इस लेख में हम इस बारे में विस्तृत जानकारी लेंगे.

Types of Computer – कंप्यूटर के प्रकार

कंप्यूटर को उनके आकार एवं कार्य पद्धति के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है. कंप्यूटर का इतिहास आज से लगभग 300 वर्ष पुराना है. कंप्यूटर का विकास गणितीय गणनाओं को बड़ी संख्या में करने के लिए किया गया था.

मनुष्य के लिए गणना करना पहले से ही काफी कठिन था. आज के आधुनिक कंप्यूटर तक पहुंचने के लिए हमने कई सारे छोटे और यांत्रिक कंप्यूटर का भी अविष्कार किया. कंप्यूटर के इतिहास के बारे में अगर बात करें तो सबसे पहले अबेकस का आविष्कार किया गया था.

ABACUS एक कंप्यूटर का ही स्वरूप था जिसके माध्यम से यांत्रिक गणना की जा सकती थी. जिसकी सहायता से हम बड़ी संख्या और आंकड़ों की गणना करते थे और अंकगणितीय इत्यादि कर सकते थे. यह लगभग 5000 साल पहले चीन में अविष्कार किया गया था. इसमें संख्याओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए मोतियों के साथ कई छड से फिसलने की द्वारा किया जाता था. यह बिल्कुल साधारण सा एक यंत्र था. Types of Computer in Hindi

कंप्यूटर का इतिहास और नेपियर बोंस का विकास

वर्ष 1616 मे, सर जॉन नेपियर ने एक गणना उपकरण बनाया और इसे नेपियर बोंस का नाम दिया गया. इस मशीन का उपयोग से जोड़, घटाओ, गुना और भागा किया जा सकता था. यह यंत्र एक आयात कार छड का एक छोटा सा सेट था. कंप्यूटर के विकास में सर जॉन नेपियर का नेपियर बोंस का प्रभावशाली भूमिका थी.

जैसा कि हम जानते हैं कि सर जॉन नेपियर एक स्कॉटिश गणितज्ञ थे. जो लॉग्र्रिदम के अपने अविष्कार के लिए प्रसिद्ध हुए थे. उनके लॉक्स के उपयोग से ही किसी भी गुणा समस्या को कम समय में हल करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. उनकी नेपियर बोंस आयात का छड़ का एक सेट से बना 11 छड़ का एक सेट से बना होता था. Types of Computer in Hindi

कंप्यूटर का विकास और पास्कलाइन की खोज

अबाकस और नेपियर बोंस के निर्माण के बाद पास्कलाइन का अविष्कार हुआ. वर्ष 1642 में ब्लेज पास्कल ने पास्कलाइन का आविष्कार किया जो एक यांत्रिक मशीन था. इसमें आठ चलने वाले पहियों के साथ एक आयातकार बॉक्स शामिल था. यहां 10, 100 और 1000 के साथ जोड़ने, घटाने में सक्षम था. एक यांत्रिक मशीन की सबसे अच्छी बात यह थी कि यह अबेकस से अधिक गति से गणना करता था. तथा यह पहला मैग्निकल कैलकुलेटर था.

जैसा कि हम जानते हैं कि बुलेट भास्कर एक फ्रांसीसी गणितज्ञ थे और पहले आधुनिक विज्ञानिक को में से एक थे जिन्होंने केलकुलेटर का विकास किया था. उन्होंने 19 वर्ष की उम्र में एक मशीन विकसित की जो संख्याओं को जोड़ना और घटाने में सक्षम थी. मशीन को पहियों की संत लाकर डायल द्वारा संचालित किया जाता था यह गणितीय गणना कर सकता था और श्रम को भी बचा सकता था.

कंप्यूटर का विकास तथा डिफरेंशियल और एनालिटिकल इंजन का आविष्कार

1822 में चार्ल्स बैबेज ने पास्कलइन से प्रेरणा लेकर पहला यांत्रिक कंप्यूटर का आविष्कार किया था. इसे डिफरेंशियल इंजन कहा जाता था. उन्होंने विचित्र विचित्र मशीनें जैसे ” डिफरेंशियल इंजन” और “एनालिटिकल इंजन” बनाया तो सही तरीके से गणना कर सकते थे.

चार्ल्स बैबेज एक ब्रिटिश गणितज्ञ थे, वर्तमान समय के आधुनिक कंप्यूटर के जन्मदाता के रूप में चार्ल्स बैबेज को जाना जाता है. उन्होंने एनालिटिकल इंजन के रूप में जाना जाने वाला पहला सामान्य कंप्यूटर का आविष्कार किया था.

इसी के आधार पर ही आज के कंप्यूटर बनाए जा रहे हैं. इसीलिए चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक कहा जाता है. उन्होंने वर्ष 1937 में स्वचालित कंप्यूटर की परिकल्पना की थी. जिसे वे धन की कमी के कारण पूरा नहीं कर पाए थे.

लेकिन, हथर्न होलेरीथ ने उसे पूरा किया जिसमें पंच कार्ड की इस्तेमाल से कृत्रिम स्मृति तथा प्रोग्राम के अनुरूप गणना करने की क्षमता थी. इसलिए चास बेबीज को आधुनिक कंप्यूटर का जनक कहा जाता है.

अभी तक इस कंप्यूटर में कई सारे परिवर्तन और जैसे-जैसे आधुनिक तकनीकें आती गई इसमें परिवर्तन होते रहे. इसी के आधार पर कंप्यूटर को आकार पद्धति के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है.

Types of Computer – कंप्यूटर के प्रकार

आकार के आधार पर कंप्यूटर को चार प्रकार में वर्गीकृत किया जा सकता है –

  • माइक्रो कंप्यूटर – Micro Computer
  • मिनी कंप्यूटर – Mini Computer
  • मेनफ्रेम कंप्यूटर – Main Frame Computer
  • सुपर कंप्यूटर – Supper Computer

माइक्रो कंप्यूटर – Micro Computer

इस तरह के कंप्यूटर का इस्तेमाल व्यक्तिगत रूप से किया जाता है. यानी कि, एक ही व्यक्ति द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले कंप्यूटर होते हैं. जिसके कारण इस तरह के कंप्यूटर को प्राया व्यक्तिगत कंप्यूटर (Personal Computer) के नाम से पुकारा जाता है. यह एक छोटी मेज पर आ सकते हैं. ऑफिस, घरों या व्यवसायियों में इस प्रकार के कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है. स्टोरेज क्षमता और आंकड़ों की बड़ी मात्रा का रखरखाव करने में अपनी सामर्थ्य के कारण आज किसना के कंप्यूटर का इस्तेमाल व्यापक पैमाने पर किया जा रहा है. Types of Computer in Hindi

मिनी कंप्यूटर – Mini Computer

इस प्रकार के कंप्यूटर का आकार तथा कार्य क्षमता की दृष्टि से छोटे होते हैं. इस प्रकार के कंप्यूटर एक बड़ी मेज पर आसानी से आ सकते हैं तथा इन पर एक साथ 20-30 टर्मिनल पर कार्य किया जा सकता है. यह माइक्रो कंप्यूटर से लगभग 5 से 50 गुना अधिक क्षमता वाले होते हैं.

मेनफ्रेम कंप्यूटर – Main Frame Computer

इस कंप्यूटर पर एक से अधिक अर्थात अनेक व्यक्ति, कभी-कभी 100 से भी अधिक व्यक्ति अलग-अलग टर्मिनल पर कार्य करते हैं.

सुपर कंप्यूटर – Super Computer

सुपर कंप्यूटर बहुत ही शक्तिशाली होते हैं. यह अत्यंत जटिल प्रक्रियाओं को भी बहुत अधिक शीघ्र गति से करते हैं. इनकी संग्रहण क्षमता (storage Capacity) भी बहुत अधिक होती है. सुपर कंप्यूटर अभी तक सबसे तेज कार्य करने वाला और सबसे महंगा कंप्यूटर होता है.

सुपर कंप्यूटर की विशेषताएं – Characteristics of Super computer

  • इनमें 32 या 64 समांतर परिपथों में कार्य कर रहे माइक्रो प्रोसेसर की सहायता से प्राप्त सूचनाओं पर एक साथ कार्य किया जा सकता है.
  • इनमें कुछ भंडारण घनत्व वाली चुंबकीय बल स्मृति या अवशोषित युवक युक्तियां (Magnetic Bubble Memories -MBM Or Charge Coupled Devi – CCDs) का उपयोग किया जाता है जिसके कारण छोटी सी छोटी जगह में सूचनाओं का बहुत बड़ा भंडार संग्रहित किया जा सकता है.
  • इनके लिए विशेष प्रकार के वार्ता अनुकूलन विश्व मैं विकसित सुपर कंप्यूटर (air conditioning) की जरूरत पड़ती है.
  • सुपर कंप्यूटर की जरूरत तभी होती है जब अनवरत रूप में बदल रहे अनेक आंकड़ों को समान अनुक्रमीत करना होता है.

सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल कई सारे क्षेत्र में किया जाता है. मौसम का पूर्वानुमान करने में सुपर कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है. अंतरिक्ष अनुसंधान तथा उपग्रहों के प्रक्षेपण, कंप्यूटरीकृत परमाणु परीक्षण और बड़े वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यों में सुपर कंप्यूटर की सहायता से जटिल आंकड़ों को अनुसंधान कार्यों जटिल प्रोग्रामों की एक श्रंखला द्वारा विश्लेषण किया जाता है.

क्वांटम कंप्यूटर – Quantum Computer

कंप्यूटर के उपयुक्त प्रकारों के अतिरिक्त क्वांटम कंप्यूटर विकास की अंतिम अवस्था में है. यह सुपर कंप्यूटर से भी तेज और तीव्र गति से और जटिल से जटिल समस्याओं को सेकंड में हल करने की क्षमता रखता है.

वैज्ञानिक का कहना है कि यह क्वांटम कंप्यूटर मानव के मस्तिष्क से भी उन्नत हो सकता है. यह फॉर्मेट के आखिरी प्रमेय जैसी पेचीदा अंतर्राष्ट्रीय गणितीय समस्या, जिसे हल करने में 300 साल लगते हैं, को भी हल करने में सक्षम होगा.

गणित की सबसे प्रसिद्ध अनसुलझी समस्या रीमेंस हाइपोथेसिस को भी क्वांटम कंप्यूटर कुछ ही समय में हल कर सकेगा. क्वांटम कंप्यूटर द्वारा सभी प्रकार की पर्ची दार समस्याओं को हल करने के लिए क्वांटम मैकेनिक्स जैसे भौतिक शास्त्र के गुढ़ क्षेत्रों का प्रयोग किया जाएगा.

क्वांटम कंप्यूटर में बायनरी बिट के बदले क्यूबिट (Q-Bit) का प्रयोग किया जाएगा, जो सूर्य और एक का अध्यारोपण है. Types of Computer in Hindi

कार्य पद्धति के आधार पर कंप्यूटर का वर्गीकरण

कार्य पद्धति के अनुसार कंप्यूटर के पांच प्रकार होते हैं:-

  1. अंकीय कंप्यूटर – Digital Computer
  2. अनुरूप कंप्यूटर – Analogue Computer
  3. संकर कंप्यूटर – Hybrid Computer
  4. प्रकाशीय कंप्यूटर – Optical Computer
  5. एटॉमिक कंप्यूटर – Atomic Computer

अंकीय कंप्यूटर – Digital Computer

रोजमर्रा की भाषा में जब हम कंप्यूटर शब्द का उच्चारण करते हैं तो उसका सीधा अर्थ होता है. अंकिया कंप्यूटर. साधारण शब्दों में डिजिटल कंप्यूटर. इस तरह के कंप्यूटर सभी प्रकार की सूचनाओं को दुआधारी बाइनरी सिस्टम पद्धति में बदलकर अपना कार्य करते हैं.

इस तरह के कंप्यूटर सभी प्रकार की गणना कर सकते हैं. यह बहुत अधिक क्षमता से कार्य कर सकता है. लेकिन विशेषता यह होती है कि इनकी गणना अत्यंत शुद्ध होती है. इसमें किसी भी प्रकार की संक्रियाएं किया जा सकता है.

अनुरूप कंप्यूटर – Analogue Computer

Analogue – एक ग्रीक भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है 2 राशियों में अनुरूपता खोजना. एनालॉग कंप्यूटर में किसी भौतिक विधि या राशि को इलेक्ट्रॉनिक परीपथों की सहायता से विद्युत संकेतों में अनुरूप किया जा सकता है.

जिस प्रकार अंकीय कंप्यूटर राशियों को गिन कर कार्य करता है, उसी प्रकार अनुरूप कंप्यूटर माफकर या नापकर अपना कार्य करता है.

इन कंप्यूटर की मदद से की गई गणना की यथार्थ बहुत सुध नहीं होती है. फिर भी 99% शुद्ध प्राप्त की जा सकती है. Types of Computer in Hindi

संकर कंप्यूटर – Hybrid Computer

इस तरह के कंप्यूटर में डिजिटल और एनालॉग दोनों कंप्यूटर की विशेषताओं का फायदा उठाया जा सकता है. इनका उपयोग स्वचालित उपकरण में काफी ज्यादा किया जाता है.

हाइब्रिड कंप्यूटर का एक उदाहरण रोबोट है जिसकी सहायता से आजकल कई कार्य स्वचालित रूप से किए जा रहे हैं.

प्रकाशीय कंप्यूटर – Optical Computer

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के विकास क्रम में इस प्रकार के कंप्यूटर बनाए जा रहे हैं. जिनमें एक अव्य को दूसरे से जोड़ने का कार्य ऑप्टिकल फाइबर के तंतु से किया गया है. एवं गणना अवयव प्रकाशीय पद्धति पर बनाए गए हैं. Types of Computer in Hindi

एटॉमिक कंप्यूटर – Atomic Computer

एटॉमिक कंप्यूटर पर अभी भी अनुसंधान और शोध कार्य जारी है. जो कि किसी खास प्रोटोन परमाणुओं को एकत्रित परिपथ मैं बदल दे और कंप्यूटर को इतनी अधिक स्मृति प्रदान कर दे कि ऐसा कंप्यूटर आज के कंप्यूटर से 10000 गुना क्षमता वाली हो जाए.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top